Saturday, December 10, 2016
AAJ KA REHMATO KA DARIYA
Rasoolallah Sallallaho Alaihe Wasallam Ne Farmaya hai ke Jab Koi Banda Muj Par Duroode Paak Bhejta Hai To Woh Duroode Paak Uske Mooh Se Foran Nikal Kar Duniya Ke Tamam Medano Dariyao Mashrik Se Le Kar Magrib Tak Pahoch Jata Hai Duniya Ka Koi Medan Sehra Dariya Ya Pahad Nahi Jaha Se Ye Duroode Paak Na Guzra Ho Aur Ye Duroode Paak Kehta Hai Ke Me Fala Ibne Fala Ka Bheja Huwa Duroode Paak Hu Jisne Muje Tamam Qaenat Se Behtar Hazrat Mohammad Sallallaho Alaihe Wasallam Par Bheja Hai ...
( Ref , Duroodo Salam 346 )
( Dalailul Khairat )
Wednesday, December 7, 2016
QABR ME AANE WALE AARAM DEH AAMAL....
*क़ब्र को रौनक बख्शने और इसे आराम देह बनाने वाले आमाल* #02
*بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ*
*اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ*
*_मुझे नमाज़ पढ़ने दो_*
हदिष *में है की जब मैय्यत क़ब्र मे दाखिल की जाती है तो उसे सुरज डूबता (यानी गुरुब होता) नज़र हुवा मालुम होता है तो वो आँखे मलता हुवा बैठता है और कहता है : मुझे छोडो में नमाज़ पढ़ लू।*
*✍🏽सुनन इब्ने माजह, 4/503*
*हज़रते *मुल्ला अली कारी अलैरहमा लिखते है : गोया वो उस वक़्त अपने आप को दुन्या ही में तसव्वुर करता है के सुवाल व जवाब रहने दो मुझे फ़र्ज़ अदा करने दो, वक़्त खत्म हुवा जा रहा है, मेरी नमाज़ जाती रहेगी।*
*ये *बात वही कहेगा जो दुन्या में नमाज़ का पाबन्द था और उस को हर वक़्त नमाज़ का ख्याल लगा रहता था।*
*_दो अँधेरे दूर होंगे_*
*मन्कुल *है के अल्लाह ने हज़रते मूसा कलीमुल्लाह से फ़रमाया के में ने उम्मते मुहम्मदिया को दो नूर अता किये है ताके वो दो अंधेरो के नुकसान से महफूज़ रहे। मूसा कलीमुल्लाह ने अर्ज़ की : या अल्लाह ! वो दो नूर कौन से है ? इरशाद हुवा* : *नुरे रमज़ान* *और* *नुरे कुरआन*। *अर्ज़ की: दो अँधेरे कौन से है ? फ़रमाया एक क़ब्र का और दूसरा क़यामत का।*
*✍🏽दुर्र्त्तुन नासिहीन, 9*
*✍🏽क़ब्र में आनेवाला दोस्त, 63*
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*🌴जो नबीﷺका नहीं वो हमारा नहीं*
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